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पल्लू ढक कर सिर पर तुम अदा दिखाती हो ऐसे, मेरे कम

पल्लू ढक कर सिर पर
तुम अदा दिखाती हो ऐसे,

मेरे कमरे की खिड़की से
चांदनी आती हो जैसे,

नजरों की तीखी धार हो
या हो होठों की लाली,

दोनों वार ऐसे करती हैं
दिल चीर जाती हो जैसे।।

©Er Abhishek Sharma #Love #Hindi #Quotes #ghunghat #tum
पल्लू ढक कर सिर पर
तुम अदा दिखाती हो ऐसे,

मेरे कमरे की खिड़की से
चांदनी आती हो जैसे,

नजरों की तीखी धार हो
या हो होठों की लाली,

दोनों वार ऐसे करती हैं
दिल चीर जाती हो जैसे।।

©Er Abhishek Sharma #Love #Hindi #Quotes #ghunghat #tum
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