मैं नन्हीं सी जिंदगी,ढूंढती अपना आशियाना, सूर्ज की किरण से पहले,मैं सबको जगाया करती थी, कभी घर के आंगन में तो कभी पेड़ो पर, घर अपना बसाया करती थी,मेरी आवाज़ की चहक से बच्चे खुश जब होते थे, तो हवा के साथ,बरसात के साथ मैं भी गुनगुनाया करती थी बहोत प्यार,बहोत दुलार मिला मुझे इस जग के अपनों से फिर कभी मैं पानी को तरसने लगी,प्यासी ही मैं उड़ती फिरती, ढूंढती नीर की मैं धारा, जब मिला नहीं पानी मुझे,तो होकर बेसहारा,कर दिया मैंने सूना जग ये सारा, बस इतना ही कहना चाहती हूं,पानी नहीं बचाओगे, तो आने वाली पीड़ियों को जीवन नहीं दे पाओगे, मैं नन्हीं सी जिंदगी,ढूंढती अपना आशियाना तुम्हारी प्यारी चिड़ियॉ,जो ऑगन में शोर मचाती थी ओर सबके मन को भाती थी #lovelybird#savewater#savebirds #sparrow#savewater#savebirds#nojoto#nojotohindi#hindinama#poetry#kavishala#kalakaksh#quote#love