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मर्द कितने ही सपनों को उसने कुचल दिया, जिम्मेदारि

मर्द 
कितने ही सपनों को उसने कुचल दिया,
जिम्मेदारियों ने एसे हस कर कत्ल किया,
मेरे हक की आवाज कौन ही कहता,
मर्द है,दर्द को मर्दानगी से अमल किया,

बाप बना तो ममता पड़ी रिश्तों में भारी,
जैसे मामूली सी ही तो थी मेरी हिस्सेदारी,
कोई तोल ना मिला,कोई मोल ना मिला,
रो भी नहीं सकते,जैसे मर्दानगी से गद्दारी ।। #happymensday #internationalmensday #yqdidi #beingman #responsibilities #dreams
मर्द 
कितने ही सपनों को उसने कुचल दिया,
जिम्मेदारियों ने एसे हस कर कत्ल किया,
मेरे हक की आवाज कौन ही कहता,
मर्द है,दर्द को मर्दानगी से अमल किया,

बाप बना तो ममता पड़ी रिश्तों में भारी,
जैसे मामूली सी ही तो थी मेरी हिस्सेदारी,
कोई तोल ना मिला,कोई मोल ना मिला,
रो भी नहीं सकते,जैसे मर्दानगी से गद्दारी ।। #happymensday #internationalmensday #yqdidi #beingman #responsibilities #dreams
namitraturi9359

Namit Raturi

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