मैंने तेरे लिए ना जाने कितने खाब सजाये थे, तेरे ही इस प्यार ने मेरे अरमानों के पंख लगाये थे, कभी जन्नत घूमते थे हम ले के हाथों में हाथ, सारी कायनात रूठ गयी जो छोडा तुने साथ, दुनिया के साथ हसना छोड दिया मैने तेरे लिये, हर खुशी हर रिश्ते से नाता तोड दिया मैने तेरे लिये, आज फिर पानी के आदी हो गये, बड़ी मुश्किल से नैन हसाये थे, मैने तेरे लिये ना जाने..........। maine tere liye......