बड़ी ख़ूबसूरत सी ग़ज़ल है वो किसी शायर की ग़ज़ल है लिखती है मनोरम मन का सा पढ़कर मचल जाये दिल बच्चा-सा! चाहत उसकी ज़्यादा नहीं है ग़ज़ल किसी शायर की बनना बस उसकी तमन्ना यही है जो मन रमता उसका प्रेम में पढ़ ले उसको कोई वैसा ही इतनी छोटी-सी इच्छा है उसकी ज़्यादा की माँग वो रखती नहीं है! मन की कोमल,सीरत से प्रेम-पली है गहराई से लिखती गहराई से पढ़ती है मान-सम्मान देना वो बख़ूबी जानती है ग़ज़ल है वो,जो ग़ज़ल से बनी है कविता की समझ उसको ख़ूब जमी है वो जिसके लिए बनी,किस्मत का धनी है! 😊🌹👍❤️💞 Dedicating a #testimonial to ग़ज़ल शर्मा #testimonial #friendship #yqfriends #appreciation #yqtestimonial This is for u dear❤️💞🥰😍🤩😘