कà¥à¤¯à¤¾ लिखूठजो सुकून का राज़ था लफ़्ज़ों में दबकर रह गया मौत का फ़रिश्ता आकर कानों में कुछ कह गया ©Mď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ." #PoetInYou #सुकून का #राज़