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सबको राह बताते नित अपना सा सबसे नाता खुद की चिंता

सबको राह बताते नित 
अपना सा सबसे नाता
खुद की चिंता कभी न की
औरों के काम ही आते
संघर्षों में बीत गए दिन
थोड़ा सुख तो पाते
पापा तुम न जाते
                                        मानवता की मूरत थे तुम
                                        सज्जनता से नाता
                                        सुख में सबको शामिल कर
                                        दुख चुपके से सह जाते
                                        जाने कितनी पीड़ा थी मन
                                        सबसे रहे छुपाते
                                        पापा तुम न जाते
ताने सहे रहे चुप ही तुम
क्रोध तुम्हें कब आता! 
जिसने मांगा पाया तुमसे
तुम ना कब कर पाते!
खामोशी लेकिन चिंतित मन
बाहर नहीं दिखाते
पापा तुम न जाते
                                          जब आए मुश्किल के दिन
                                          तब रूठ गया हर नाता
                                          जो मीठी बातें करते थे
                                          कानों में बिष भर जाते
                                          मन टूटा तो टूट गया तन
                                          लेकिन नहीं जताते
                                          पापा तुम न जाते
हर पल कुछ समझाते तुम
अंतिम क्षण मौन से नाता
अंदर ही अंदर  कुछ कहते
पर हम समझ न पाते
जीवन की कुछ सीख रही मन
कुछ तो तुम कह जाते
पापा तुम न जाते

©कवि मनोज कुमार मंजू #पापा 
#पिता 
#मेरे_पापा 
#पापा_की_यादें 
#मनोज_कुमार_मंजू 
#मँजू 
#SunSet
सबको राह बताते नित 
अपना सा सबसे नाता
खुद की चिंता कभी न की
औरों के काम ही आते
संघर्षों में बीत गए दिन
थोड़ा सुख तो पाते
पापा तुम न जाते
                                        मानवता की मूरत थे तुम
                                        सज्जनता से नाता
                                        सुख में सबको शामिल कर
                                        दुख चुपके से सह जाते
                                        जाने कितनी पीड़ा थी मन
                                        सबसे रहे छुपाते
                                        पापा तुम न जाते
ताने सहे रहे चुप ही तुम
क्रोध तुम्हें कब आता! 
जिसने मांगा पाया तुमसे
तुम ना कब कर पाते!
खामोशी लेकिन चिंतित मन
बाहर नहीं दिखाते
पापा तुम न जाते
                                          जब आए मुश्किल के दिन
                                          तब रूठ गया हर नाता
                                          जो मीठी बातें करते थे
                                          कानों में बिष भर जाते
                                          मन टूटा तो टूट गया तन
                                          लेकिन नहीं जताते
                                          पापा तुम न जाते
हर पल कुछ समझाते तुम
अंतिम क्षण मौन से नाता
अंदर ही अंदर  कुछ कहते
पर हम समझ न पाते
जीवन की कुछ सीख रही मन
कुछ तो तुम कह जाते
पापा तुम न जाते

©कवि मनोज कुमार मंजू #पापा 
#पिता 
#मेरे_पापा 
#पापा_की_यादें 
#मनोज_कुमार_मंजू 
#मँजू 
#SunSet