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कभी-कभी यही सोचता हूँ, क्या वो फिर से किसी और का

कभी-कभी यही सोचता हूँ,
क्या वो  फिर से किसी और का नाम,

अपनी कलाई पर खरोचेगी 

*दीपक* *दीपक*
कभी-कभी यही सोचता हूँ,
क्या वो  फिर से किसी और का नाम,

अपनी कलाई पर खरोचेगी 

*दीपक* *दीपक*