जो भूल कल हुई थी उसे आज मत दोहराओ सृष्टि हूँ मैं कोख में मत मार गिराओ जीने का एक मौका तो दो बेटा बन के दिखाउंगी बेटी हूँ मैं कंधे से कंधा मिलाके संग बोझ उठाउंगी एक दिन मैं भी किरण वेदी बनके नाम कमाऊंगी जरूरत पड़ी तो मैं भी देश के ख़ातिर रानी बन जाउंगी नारी नही रही अब अबला आधे की हिस्सेदार हुई रसोई से हटकर अब वह सफल नेत्री भई ♥️ Happy Women's Day ♥️ ♥️ Challenge-501 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए।