गर टूट गये तो फिर जानों जैसे थे वैसे रह जाओ गे, यदि अड़े रहे तो पक्का है, कुछ ना कुछ तो कर जाओ गे। ये चादर आलस की तुमने, जो अपनें ऊपर तानी है। मन की चलती है बस तुम पर, अपनें मन की मनमानी है। जो चाहत अपनें दिल की है, तुमने ना अब तक जानी है, तुम झूठ मूठ जो सोये हो, जब जागो के पछताओ गे। यदि अड़े रहे तो पक्का है, कुछ ना कुछ तो कर जाओ गे। #wednesdaywisdom#poetry#nojoto#hindi#motivational