Nojoto: Largest Storytelling Platform

शीर्षक: कागज़ और उसका मोल! कागज कहने को तो बस एक

शीर्षक: कागज़ और उसका मोल!


कागज कहने को तो बस एक नाम है
कुछ लोगो के लिए बस ये रद्दी समान है!!

पर कागज़ के बिना इंसान का जीवन बेकार है
ये कागज़ ही तो है जो हम सबके जीवन का आधार है!!

नवजात शिशु के जन्म प्रमाण के लिए ये कागज़ बहुत जरूरी है
और मृत हुए व्यक्ति का भी कागज़ ही प्रमाण है!!

जीवन से लेकर मृत्यु तक सब कागज़ कागज़ खेलते है 
कागज से ही सब पढ़ते है और कागज़ पे ही लिखते है
कागज की किताब, कागज़ की कॉपी, 
कागज की डिग्री कागज़ की वसीयत कागज़ का रुपया कागज़ है हकीकत
लेकिन फिर ना जाने क्यूं हम कागज़ का मोल ना समझते है!!

वक्त अभी भी है प्यारे तुम कागज़ के मोल को पहचानो
सारा ये जीवन कागज है बस इतनी ये बात मेरी मानो!!


कवि : इंद्रेश द्विवेदी (पंकज)

©Indresh Dwivedi #happy_papers_day

#pls_like_comment_and_share
शीर्षक: कागज़ और उसका मोल!


कागज कहने को तो बस एक नाम है
कुछ लोगो के लिए बस ये रद्दी समान है!!

पर कागज़ के बिना इंसान का जीवन बेकार है
ये कागज़ ही तो है जो हम सबके जीवन का आधार है!!

नवजात शिशु के जन्म प्रमाण के लिए ये कागज़ बहुत जरूरी है
और मृत हुए व्यक्ति का भी कागज़ ही प्रमाण है!!

जीवन से लेकर मृत्यु तक सब कागज़ कागज़ खेलते है 
कागज से ही सब पढ़ते है और कागज़ पे ही लिखते है
कागज की किताब, कागज़ की कॉपी, 
कागज की डिग्री कागज़ की वसीयत कागज़ का रुपया कागज़ है हकीकत
लेकिन फिर ना जाने क्यूं हम कागज़ का मोल ना समझते है!!

वक्त अभी भी है प्यारे तुम कागज़ के मोल को पहचानो
सारा ये जीवन कागज है बस इतनी ये बात मेरी मानो!!


कवि : इंद्रेश द्विवेदी (पंकज)

©Indresh Dwivedi #happy_papers_day

#pls_like_comment_and_share