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सभी को दीपों का यह पर्व दीपावली मगलमय हो ह्रदय से

सभी को दीपों का यह पर्व दीपावली मगलमय हो
ह्रदय से अनेकों अनेक बधाईयां...
सजा रहे तुम्हारा घर बार.. 
खुशियां मिले आपार
ऐसा न है हमेशा से ऐसा न था.. 
अब उदास रहता हूं
तालीम दी थी ख़ूब औलाद को.. 
कबील था अपने पैरों पर खड़ा जल्द होगया था
मासूम सी मुकुराहट ले उसने मुझे भी साथ चलने को कहा था..
मैं अपने जिम्मेदारियों में कहीं ज्यादा मगन था
वो मासूम ह्रदय वक्त के थपेड़े खा मजबूत हो गया था
अब उसका भी परिवार है वो भी अपनी जिम्मेदारियों में मगन है
मैं भी उसकी प्राथमिकताओं में शायद पहले स्थान से नीचे खिसक गया..
पर कोई नही.. तुम सब हँसी खुशी हर्षोल्लाश से मनाओ दिवाली...
हम शहर को मनाता देख खुश हो लेंगे... सभी को दीपों का यह पर्व दीपावली मगलमय हो
ह्रदय से अनेकों अनेक बधाईयां...
सजा रहे तुम्हारा घर बार.. 
खुशियां मिले आपार
ऐसा न है हमेशा से ऐसा न था.. 
अब उदास रहता हूं
तालीम दी थी ख़ूब औलाद को.. 
कबील था अपने पैरों पर खड़ा जल्द होगया था
सभी को दीपों का यह पर्व दीपावली मगलमय हो
ह्रदय से अनेकों अनेक बधाईयां...
सजा रहे तुम्हारा घर बार.. 
खुशियां मिले आपार
ऐसा न है हमेशा से ऐसा न था.. 
अब उदास रहता हूं
तालीम दी थी ख़ूब औलाद को.. 
कबील था अपने पैरों पर खड़ा जल्द होगया था
मासूम सी मुकुराहट ले उसने मुझे भी साथ चलने को कहा था..
मैं अपने जिम्मेदारियों में कहीं ज्यादा मगन था
वो मासूम ह्रदय वक्त के थपेड़े खा मजबूत हो गया था
अब उसका भी परिवार है वो भी अपनी जिम्मेदारियों में मगन है
मैं भी उसकी प्राथमिकताओं में शायद पहले स्थान से नीचे खिसक गया..
पर कोई नही.. तुम सब हँसी खुशी हर्षोल्लाश से मनाओ दिवाली...
हम शहर को मनाता देख खुश हो लेंगे... सभी को दीपों का यह पर्व दीपावली मगलमय हो
ह्रदय से अनेकों अनेक बधाईयां...
सजा रहे तुम्हारा घर बार.. 
खुशियां मिले आपार
ऐसा न है हमेशा से ऐसा न था.. 
अब उदास रहता हूं
तालीम दी थी ख़ूब औलाद को.. 
कबील था अपने पैरों पर खड़ा जल्द होगया था

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