ना जाने कितनी दुरी इनके दरम्यां ताके है दिन भर एक दूजे को ऐ गीत तुम भी कुछ ऐसा करना अगर बड्ड जाए दुरी भी इसी तरह मुझे भी तकना ये ज़मीं, ये आसमाँ कितना कुछ समेटे है अपने दरम्यां l सुप्रभात। ये ज़मीं, ये आसमाँ ख़ूबसूरत है ये जहाँ। #ज़मींआसमाँ #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba