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मुंह अंधेरे ही उठकर प्रभाती जगाती सवेरे सवेरे शिव

मुंह अंधेरे ही उठकर प्रभाती जगाती
सवेरे सवेरे शिव जी को भी नहलाती 
चाय की खुशबू से, सभी को बुलाती 
सुबह की चाय  हमेशा वो ही बनातीं
सबकी पसंद , बिना कहे जान जातीं
कितने भी मेहमान, हंसकर खिलाती
सीधे पल्ले की धोती,पीला सिंदूर माथे
मुस्कुराहट से सभी को अपना बनातीं
उनकी यादें सभी को भिगो के  जातीं
एक मीठी सी "तस्वीर" मां की बनाती
हां! वो मेरी सासू मां जी ही कहलाती। विश्व फोटोग्राफी दिवस की हार्दिक बधाई। 
अपने शब्दों से एक तस्वीर खींचें।
#एकतस्वीर #collab #yqdidi   #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
मुंह अंधेरे ही उठकर प्रभाती जगाती
सवेरे सवेरे शिव जी को भी नहलाती 
चाय की खुशबू से, सभी को बुलाती 
सुबह की चाय  हमेशा वो ही बनातीं
सबकी पसंद , बिना कहे जान जातीं
कितने भी मेहमान, हंसकर खिलाती
सीधे पल्ले की धोती,पीला सिंदूर माथे
मुस्कुराहट से सभी को अपना बनातीं
उनकी यादें सभी को भिगो के  जातीं
एक मीठी सी "तस्वीर" मां की बनाती
हां! वो मेरी सासू मां जी ही कहलाती। विश्व फोटोग्राफी दिवस की हार्दिक बधाई। 
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