न बर्तन खटके, न धुआं उठा, न कोई पुकार, न कोई आवाज, न जाने क्यों खामोशियों में, डूबता जा रहा है ये ज़माना.. ©Sarvesh Kumar kashyap #khamiyan #padoshi #Jmana #Insaan #vyavhaar #shayri #skk_Pilibhiti #dilsediltak #AkelaMann