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एक ही कोख में पले हुए। एक ही कोख में बड़े हुए। एक ह

एक ही कोख में पले हुए।
एक ही कोख में बड़े हुए।
एक ही मां ने जन्म दिया।
एक ही मां का दूध पिया।।
एक ही मां ने पाला है।
एक ही मां का उजाला हैं।
इक ही मां की दो आंखे,
दोनों में मां की है सांसे।
क्या इससे बड़ा कोई बंधन होगा।
क्या इससे पाक़ कोई चंदन होगा।
अमर 'अरमान'
बघौली हरदोई
7651997046

©Amar'Arman' Baghauli hardoi UP
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