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सुकून भरी नींद की तलाश थी वो मिली भी....पर कुछ वक्

सुकून भरी नींद की तलाश थी वो मिली भी....पर कुछ वक्त की मेहमान रही!...!!
आज फिर से नींद ने मुँह फेर लिया हैं! चादरों ने भी किनारा कर लिया, 
तकिये का सहारा था कुछ यूँ जैसे बस का इंतज़ार करती हुई बीच सड़क पे बेखुद सी मैं!
और बस यूँ ही नमकीन पानी सी या आँखों की नादानी थी बस बह गया कुछ दबा सा कुछ अनसुना सा कुछ अनकहा सा,

©श्रद्धा - एक गहरा समुन्दर #उलझनों_भरी_रात
#दिन_की_शुरुआत
#पुराने_दर्द_और_ज़ज़्बात.
#नींद_ना_लौटी_लेके_सौगात
#आँखे_करती_रही_फ़रियाद
#बेचैनी_रही_आज़ाब
#शुभदिन_शनिवार_का_विचार 
#०७_१२_२४_दिसंबर_मार्गशीर्ष,
सुकून भरी नींद की तलाश थी वो मिली भी....पर कुछ वक्त की मेहमान रही!...!!
आज फिर से नींद ने मुँह फेर लिया हैं! चादरों ने भी किनारा कर लिया, 
तकिये का सहारा था कुछ यूँ जैसे बस का इंतज़ार करती हुई बीच सड़क पे बेखुद सी मैं!
और बस यूँ ही नमकीन पानी सी या आँखों की नादानी थी बस बह गया कुछ दबा सा कुछ अनसुना सा कुछ अनकहा सा,

©श्रद्धा - एक गहरा समुन्दर #उलझनों_भरी_रात
#दिन_की_शुरुआत
#पुराने_दर्द_और_ज़ज़्बात.
#नींद_ना_लौटी_लेके_सौगात
#आँखे_करती_रही_फ़रियाद
#बेचैनी_रही_आज़ाब
#शुभदिन_शनिवार_का_विचार 
#०७_१२_२४_दिसंबर_मार्गशीर्ष,