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ढलती हुई शाम को कोई उजाला तो दो, कस्ती छोटी ही सही

ढलती हुई शाम को कोई उजाला तो दो,
कस्ती छोटी ही सही,कोई किनारा तो दो।
 तुम्हारे साथ ज़िन्दगी गुजरने की तमन्ना तो है,
अपने दिल के करीब एक बार आने तो दो।। love together
ढलती हुई शाम को कोई उजाला तो दो,
कस्ती छोटी ही सही,कोई किनारा तो दो।
 तुम्हारे साथ ज़िन्दगी गुजरने की तमन्ना तो है,
अपने दिल के करीब एक बार आने तो दो।। love together

love together