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पृथ्वी पर रह कर चांद पर पहुंचना था, पढ़ लिखकर आंखो

पृथ्वी पर रह कर चांद पर पहुंचना था,
पढ़ लिखकर आंखो को इतना सताना था,
कि कानों पर चश्में की पट्टी चढ़ाना था,
गोले में बैठ किताबों को चाट जाना था,
सूर्य की रोशनी दिन में इस्तेमाल होना था,
चांद की चांदनी में बैठ पढ़ने आना था,
जो लक्ष्य पूरा होने का संकल्प माना था,
किसी कीमत पर पूरा करके दिखाना था। OPEN FOR COLLAB ✨ #ATrandomlatenightpic 
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️

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• Must use hashtag:  #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
पृथ्वी पर रह कर चांद पर पहुंचना था,
पढ़ लिखकर आंखो को इतना सताना था,
कि कानों पर चश्में की पट्टी चढ़ाना था,
गोले में बैठ किताबों को चाट जाना था,
सूर्य की रोशनी दिन में इस्तेमाल होना था,
चांद की चांदनी में बैठ पढ़ने आना था,
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साहस

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