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पंख होते तो हम जिन्दगी के हर पल का मजा ले पाते |

 पंख होते तो हम जिन्दगी के हर पल का मजा ले पाते |
आज यहाँ कल वहाँ, कभी किसी मुकाम पर नजर न आते|
लोग खोजते हमे कही ,और हम कही पहुंच जाते|
दुनिया के हर कोने से विचरण करते   दूर निकल जाते| प्रिय परिवारजनों को विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक बधाई। 

उर्दू के अज़ीम शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने कहा है 

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ

ग़ाफ़िल - विस्मृत, जो भूले बैठा हो
 पंख होते तो हम जिन्दगी के हर पल का मजा ले पाते |
आज यहाँ कल वहाँ, कभी किसी मुकाम पर नजर न आते|
लोग खोजते हमे कही ,और हम कही पहुंच जाते|
दुनिया के हर कोने से विचरण करते   दूर निकल जाते| प्रिय परिवारजनों को विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक बधाई। 

उर्दू के अज़ीम शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने कहा है 

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ

ग़ाफ़िल - विस्मृत, जो भूले बैठा हो

प्रिय परिवारजनों को विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक बधाई। उर्दू के अज़ीम शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने कहा है सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ ग़ाफ़िल - विस्मृत, जो भूले बैठा हो #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #विश्वपर्यटनदिवस #पंखहोतेतो