ना किसी शराब और ना अफ़ीम से मिलता है। ना मज़हब और जाति के उसूल से मिलता है। मोहब्बत का प्याला जब होठों को छू लेता है! यह नशा तो बस निग़ाहे-क़ुसूर से मिलता है। ♥️ Challenge-665 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।