Nojoto: Largest Storytelling Platform

अकसर होते ही सुबह निकल पड़ता हू , इन विचारो की भीड

अकसर होते ही सुबह निकल पड़ता हू ,
इन विचारो की भीड़ में ।

जाने अनजाने कहीं गुम सा हो जाता हू, 
इन विचारो की भीड़ में ।

मन के आसमान में बहते इन विचारों के बादलों को, जब होश की हवा छूती है तब जाकर टूटतीं है बेहोशी इन विचारों की ।

साक्षी बनकर देखता हूं जब इन विचारो की भीड़ को, तो अलग सा पाता हू खुदको इन विचारो की भीड़ से ।

 #Crowd of thoughts
#Witnessing
#Awareness
#Anubhav Ki Kalam Se
अकसर होते ही सुबह निकल पड़ता हू ,
इन विचारो की भीड़ में ।

जाने अनजाने कहीं गुम सा हो जाता हू, 
इन विचारो की भीड़ में ।

मन के आसमान में बहते इन विचारों के बादलों को, जब होश की हवा छूती है तब जाकर टूटतीं है बेहोशी इन विचारों की ।

साक्षी बनकर देखता हूं जब इन विचारो की भीड़ को, तो अलग सा पाता हू खुदको इन विचारो की भीड़ से ।

 #Crowd of thoughts
#Witnessing
#Awareness
#Anubhav Ki Kalam Se