#OpenPoetry कभी नाम देखते हैं, कभी जात देखते हैं। हर एक शय मे मेरी अपनी मात देखते हैं।। सोचते थे खुद को हाकिम मेरे नसीब का। कुछ इस तरह से अपनी वो औक़ात देखते हैं।। #himadas #goldengirlhimadas #castism #racism