अब तो आते हैं सभी दिल को दुखाने वाले जाने किस राह गए नाज़ उठाने वाले इश्क़ में पहले तो बीमार बना देते हैं फिर पलटते ही नहीं रोग लगाने वाले क्या गुज़रती है किसी पर ये कहाँ सोचते हैं कितने बे-दर्द हैं ये रूठ के जाने वाले कर्ब उन का कि जो फ़ुटपाथ पे करते हैं बसर क्या समझ पाएँगे ये राज-घराने वाले लाख तावीज़ बने लाख दुआएँ भी हुईं मगर आए ही नहीं जो न थे आने वाले तू भी मिलता है तो मतलब से ही अब मिलता है लग गए तुझ को भी सब रोग ज़माने वाले *____________________________ ©Nadeem Khan #नाज़ उठाने वाले