हमारे देश में जहाँ निम्न स्तर से लेकर उच्च स्तर,मध्य स्तर के लोग रहते है,वहाँ शादीयाँ और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अलग-अलग स्तर पर होते है।
कोई एक शादी में सौ शादीयों जितना खर्च कर देता है,भिन्न-भिन्न पकवानों की मेजवानी,सुंदर सजीली सजावट,सुंदर सजीले महँगे वस्त्रों- आभूषणों से दुल्हा दुल्हन को लाद देता है,वहीं मध्यम स्तर के लोग अपनी योग्यतानुसार या उससे भी बढकर साज-सजावट,आभूषण-वस्त्रों,पकवानों पर खर्च करते है। वहीं निम्नस्तर के लोग एक छोटे से हाॅल में पंडित को बुला शादी रचाते है और मेहमानों को गुलाब,पेडा़ देकर खुश करते है। हो गया उनका शादी का उत्सव इतने में ही खत्म।।
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