बेग़म साहिबा part-3 एक ही रास्ता नज़र आता है,ऐसे हालातो में भाई।एक मैसेज लिखा गया भाई कोई है जो मुझे परेशान कर रहा है। बौखलाया सा उस मासूम का भाई जो भाई से पहले उसका दोस्त था।दोस्तों को बताता है,मेरी बहन की आंखों में आँसू आये है उसकी राखी का फर्ज निभाना होगा उसकू आँखों में आंसू लाने वाले को खून के आंसू रुलाना होगा।यहाँ एक आश्चर्य वाली बात ये है की क्या वो लड़की उनसे खून का रिश्ता रखती है जो उसके भाई के एक बार कहने पर अपने घर से आधी रात निकल आये हैं, ऐसा नही है ये सबूत है इस बात का की इंसानियत अब भी ज़िंदा है ।उस लड़के को प्यार से समझाना पर उसका न मानना सबूत है इस बात का की समाज में ऐसे लोग मौजूद है जो इंसानियत पर कलंक हैं।अपने कुछ क्षणों के आंनद लिए ये बर्बाद करते हैं किसी का वक़्त, किसी की ज़िन्दगी में आग लगाने आते है और जब कोई बहादुरी से सामना करता है इनकी ऐसी अमानवीय हरकतों का तो ये अपने आत्म सम्मान को ठेस लगती नही देख पाते बांट देते हैं वो नंबर या पता किसी सब्जी की तरह।अरे मैं कहती हूँ अगर तुम्हे कुछ बांटना ही है तो गरीबो में कुछ बाटो,दुआएँ मिलेगी।ऐसे में लडक़ी को बार-बार कॉल आना,उसे झकझोर कर रख देता हैं।। Continued....