खुद की गलतियों से इतना आहत हूं बस बार बार मन खुद को कोष रहा .... बस एक ही सवाल है जो गूंज रहा जब कोई तम्मना ना थी तो दिल बैचैन क्यों पता नही क्यों अभी भी मन शांत नही क्यों जब माफी मिल ही चुकी ........शायद दिल से नही पता नही इतने विश्वास के बाद उसे यकीन क्यों नही अभी भी एक छोटी सी आशा है ....... अभी भी दिल से साथ रहने की अभिलाषा है लगता है वह भी खुश नही है मुझे सुना कर ... इसलिय तो गुमशुम शांति की परिभाषा है यदि ईश्वर मेरी इस फरियाद को सुनते है ... यदि दिल में उसे मेरे लिए कुछ बुनते हैं ... विश्वास दिलाता हूं ....प्यार की नई परिभाषा रचूंगा अब कभी उदास होने का मौका न दूंगा ..... समय कम है मुझे भी पता है .... लेकिन कम ही समय में उसे हिम्मत भी दूंगा और ...खुद के लिए उस से हिम्मत भी लूंगा .......💐5sep 2018 #sorry #sorrybyheart