कहीं सांझ ढले, कहीं गीत बनें कहीं बिखर पङे ये सूनापन कोई पीङा का संगीत सुने कोई मन मानस का मीत बने कैसा ये तुम्हारा जीवन धन कहीं सांझ ढले, कहीं गीत बनें कहीं बिखर पङे ये सूनापन #Swabhiman #स्वरचित #सर्वाधिकार_सुरक्षित #Yaari