कुछ ज़िदगी लाजवाब है,कुछ हम भी बेमिसाल हैं कुछ जीतने की ज़िद है,कुछ हारने के सवाल हैं हज़ारों ख्वाब तोड़कर,सुबह एक हो रही कुछ रात की है बेबसी,कुछ सुबह का कमाल है वक्त बहुत बीत गया,समझे तुम फिर भी नहीं अफ़सोस अब क्या करें,तुम्हारा क्या ख़्याल है मैं गांठ पुरानी खोल दूं,या यादों के रंग घोल दूं रात गहरी हो चली,किस चीज़ का मलाल है ये दिल बहुत उदास है,बुझती नहीं ये प्यास है ये लकीरों की है बेबसी,या इश्क की मिसाल है ना रूठने का है डर मुझे,ना मनाने का ही सवाल है अंबर भी सूना हो गया,कोरा ही वो रूमाल है... © abhishek trehan #लाजवाब #बेमिसाल #रात #सुबह #कमाल #गज़ल #शायरी #yqdidi