a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तुम पास भी हो , तुम दूर भी हो तुम जन्नत हो मेरी , तुम ही मेरी हूर भी हो । देखों तुम्हे , निगाह भर के देखता हूँ मैं तुम छुप जाते हो हर मोड़ पर तुम ही रास्तों की डोर भी हो। अब जान कर मुझको तुमने किया एक बहाना है मेरी नज़रों को दिखाकर मंज़र तुम्हरी नज़रों ने ढूंढा ठिकाना है। फिर जो नज़रे मिली अचानक नज़रों ने जवाब दिया अपने आप से तुम्ही हो सफर के हमसफ़र, तुम से ही हर दिन फ़साना है । तनहा शायरहूँ-यश . ©Tanha Shayar hu Yash #SunSet #tumpassbhiho #tanhashayarhu #tanhakavita #tanhapoerty