कुछ टूटी, बटन पड़ीं हैं मेरे पास रख लूं? या सजाओगे फिर से कुर्ती में? कुछ कालिक हैं, आंखों की तुम्हारी नमी के सहारे, मेरे गालों पे आ पुती हैं कुछ सफेद चमकदार मोती हैं, नाज़ुक से बेरुखी में तुम्हारी ये मुझ से आ लिपटे थे कुछ अफसाने हैं कागजी, धुंधले पन्नों पे लिखे सुनाते सुनाते, कल रात नींद आ गई थी तुम्हें कुछ टूटी बटन पड़ी है मेरे पास रख लूं? या सजाओगे फिर से कुर्ती में? #बटन #illiteratepoet #vatsa #dsvatsa #yqbaba #hindishayari #hindipoem #urduhindi_poetry कुछ टूटी, बटन पड़ीं हैं मेरे पास रख लूं? या सजाओगे फिर से कुर्ती में? कुछ कालिक हैं, आंखों की तुम्हारी नमी के सहारे, मेरे गालों पे आ पुती हैं