सब कुछ ख़ाक हुआ है लेकिन चेहरा क्या नूरानी है पत्थर नीचे बैठ गया है, ऊपर बहता पानी है बचपन से मेरी आदत है फूल छुपा कर रखता हूँ हाथों में जलता सूरज है, दिल में रात की रानी है -बशीर बद्र #rampujari #bashir_badr #shayari