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आया वसंत उर आंगन में प्रति पल पल पीत हुई धरती । ल

आया वसंत उर आंगन में 
प्रति पल पल पीत हुई धरती ।
ले स्नेह निमंत्रण सूरज की 
मृदु किरणे नभ से हैं झरती ।।
तितलियों का कैसा गुंजन ये ...
कोलाहल सा अमराई में ।
ऋतु बदल रही चोली चूनर 
सब व्याधि त्रास को हैं हरती ।।

©हरीश भट्ट #वसंत
आया वसंत उर आंगन में 
प्रति पल पल पीत हुई धरती ।
ले स्नेह निमंत्रण सूरज की 
मृदु किरणे नभ से हैं झरती ।।
तितलियों का कैसा गुंजन ये ...
कोलाहल सा अमराई में ।
ऋतु बदल रही चोली चूनर 
सब व्याधि त्रास को हैं हरती ।।

©हरीश भट्ट #वसंत