कहानी जैसी थी वैसी हो गई थी मैं, तमाशा करते करते खुद एक तमाशा हो गई थी मैं, ना मेरा नाम था ना दाम बाज़ार ए मुहब्बत, बस उसने किमत पूछी और महंगी हो गई थी मैं।। ©Kiran Chaudhary बस उसने किमत पूछी और महंगी हो गई थी मैं।।