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नींद की और सिर की आज अनबन हो गई। नींद ने आरोप लगाय

नींद की और सिर की आज अनबन हो गई।
नींद ने आरोप लगाया सिर में विराजमान दिमाग महोदय,समझते नहीं।
समय पर मेरे (नींद के) आगोश में आते नहीं।

सिर ने आरोप लगाया शरीर का मैं मुखिया हूँ,
मेरे कितने होते है कर्तव्य।
मनोरंजन वश देरी होती है और समय पर न सोने पे
निंदिया रानी हो जाती है रूठ और प्रताडित करती है मुझे।
देकर असहनीय दर्द।
दोनों की ये अनबन की कथा है अति प्राचीन।
दोनों को खुश रखने की कोशिश है नही नवीन।।  #cinemagraph #headache
नींद की और सिर की आज अनबन हो गई।
नींद ने आरोप लगाया सिर में विराजमान दिमाग महोदय,समझते नहीं।
समय पर मेरे (नींद के) आगोश में आते नहीं।

सिर ने आरोप लगाया शरीर का मैं मुखिया हूँ,
मेरे कितने होते है कर्तव्य।
मनोरंजन वश देरी होती है और समय पर न सोने पे
निंदिया रानी हो जाती है रूठ और प्रताडित करती है मुझे।
देकर असहनीय दर्द।
दोनों की ये अनबन की कथा है अति प्राचीन।
दोनों को खुश रखने की कोशिश है नही नवीन।।  #cinemagraph #headache
ashagiri4131

Asha Giri

New Creator