हम #सरहदों के वास्ते लोहे की एक दीवार हैं हम #दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं तैयार हैं अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना अब जो भी हो बादल बनके पर्वत पर है छाना ©Saba Singh #saba