वैष्नवी ठाकुर जी के लिए उनके चित्रों को देखकर। ये चेहरा छुपाकर दिखाते हो या दिखाकर छुपाते हो। कमाल है सामना नहीं करते और सामने भी आते हो।। गुस्ताख़ी माफ,दिल है एकदम साफ़। आदित्य कुमार भारती #response #प्रतिक्रिया