देश के विरोध में खड़े रहना अच्छि बात नही है पद्मावती को भी पद्मावत कर दे मेडम ये देश वही है पीठ पीछे अपने ही खंजर घोंपते है ये बात भी सही है आज एक बात तो अपने याद दिला ही दी नचनिया मेडम जहां पैदा जयचंद जैसे ग़दर होते आखिर ये देश भी वही है एक बात मेरी भी सुनलो दीपिका पादुकोन कान खोल कर जो देश मिट्टी को सोना बनने में अपना जीवन बिता देता है वो देश विरोधी को पल भर में दो कौड़ी का भी बना सकता है . ✍निर्मल ✍ topical shayri