खामियां लाख सही मुझमें, तुम तो फरिश्ते बनो ज़माने भर को मेरी गलतियां बताना जरूरी है क्या!! यही इल्तिजा है मेरी, कि इतने संगदिल ना बनो हर दफह मेरे इश्क़ को आजमाना जरूरी है क्या!! अब आ ही गये हो पास, तो दो घड़ी साथ भी रहो नज़दीक आकर मेरे, फिर लौट जाना जरूरी है क्या!! मैं कोशिशें करता तो हूँ, तुम्हें ताउम्र खुश रखने की फिर भी तुम्हारा हर बात पे रूठ जाना जरूरी है क्या!! तुम समझते ही नहीं हो "अनकहे अल्फ़ाज़ो" को मेरे ये इश्क तुम्हें शब्दों में कहकर जताना जरूरी है क्या!! #जरुरीहैक्या #अनकहेअल्फ़ाज़ #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqlovetales #yqbaba