मैंने कब कहा कि तु मोहब्बत है मेरी मैंने कब कहा कि तु चाहत है मेरी हाँ मैं कभी-कभी तेरी इबादत कर बैठता हूँ मैं कभी-कभी तुझपर अपना हक जता बैठता हूँ हाँ कभी-कभी लगता है कि तु साथ होती तो ये जिंदगी कितनी अच्छी होती खुशियाँ थोड़ी भी होती लेकिन सच्ची होती... हाँ मैं मानता हूँ कि मेरी ये ख्वाहिश पता है मेरे अपनों को... लेकिन मैंने कब कहा तु भी अपनी है मेरी... #nojoto#nojotohindi#nojotopoem#poem#khwahish#ख्वाहिश#प्यार#कविता#poetry #मैंने_कब_कहा