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कुछ तुझ पे उधार है, कुछ मुझ पे उधार है। ये दोस्ती

कुछ तुझ पे उधार है, 
कुछ मुझ पे उधार है।
ये दोस्ती की मीठी याद
चाय की कर्जदार है ।।

©Jahanara Khan
  #chai  Kripal Singh