ओ मेरे चित्त के चितचोर, माखन चोर नंद किशोर बीत गई अँधियारी रैन, तड़प गई नैना बेचैन अब तो आओ कृष्ण कन्हाई, हो गई भोर हो गई भोर। माखन मिश्री ताजी ताजी, पड़ी है बतिया आधी आधी गोप गोपियाँ प्यासे प्यासे, ग्वाल बाल सब राह निहारे अब तो आओ कृष्ण कन्हाई, हो गई भोर हो गई भोर। आधरों बिन बंसी भी सूनी, कृष्ण कृष्ण रटता बन धुनि नूपुर मौन पड़ी है कब से, बादल नाद करे थम थम के अब तो आओ कृष्ण कन्हाई, हो गई भोर हो गई भोर। सावन बीती राह निहारत, भादो तमी घनघोर डरावत कृष्ण पक्ष यह कारी कारी, पल न कटे तुम बिन गिरधारी अब तो आओ कृष्ण कन्हाई, हो गई भोर हो गई भोर। ✍ रागिनी प्रीत ©Ragini Preet #Nojoto #nojotopoetry #nojotohindi #nojoto2022 #Hindi #poem #Poet #janmashtmi #krishna_flute #Krishna