हमसे दिल्लगी करके वह सौ सितम ढा कर चले गए मार के खंजर दिल पे वह मुस्करा कर चले गए अजी फिर वह बेदर्दी आकर हमसे पूछते हैं कि हाल कैसा है ओर जब मैं कहता हूं कि अच्छा है तो फिर से मेरे ज़ख्मों को हरा करके चले गए । दर्दे दिल का हाल