मन मेरा खिन्न हो गया मां जबसे तुम बीमार पड़ीं, हिम्मत और साहस से तुम बीमारी से हो लड़ी पड़ीं, जब हॉस्पिटल गई थीं मां तब अश्क हमारे छलक पड़े, क्यों वैरिन हो गई बीमारी जो हॉस्पिटल में तुम्हारे कदम पड़े। दिन कई है बीत गए मां अब तो तुम घर आ जाओ, बेचैन हुए इस आदित्य को मां थोड़ा धैर्य बंधा जाओ, उम्मीद मुझे है मां तुमसे तुम बीमारी पर विजय पाओगी, पराजित कर मां बीमारी को तुम जल्दी घर आ जाओगी। ✍️-आदित्य यादव उर्फ़ 'कुमार आदित्य यदुवंशी' ©Aditya Yadav My dear mom ❤️❤️ #