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कुछ तो हुआ हैं, खुद़ा आज तेरी महफिल में. ना जानें

कुछ तो हुआ हैं, खुद़ा आज तेरी महफिल में.
ना जानें क्युं आज इंसान महफूज नहीं हैं.
खून की प्यासी हो चली तेरी बनाई मुरत.
आज इंसान से इंसानों की नफ़रत क्यूँ हैं.
कल जो गुलाल लिए हाथों में फाग गा रहे थे.
आज एक दुजें के हाथ खून से लाल क्यूँ हैं. #pencil #खुद़ा #दिल #कविता
कुछ तो हुआ हैं, खुद़ा आज तेरी महफिल में.
ना जानें क्युं आज इंसान महफूज नहीं हैं.
खून की प्यासी हो चली तेरी बनाई मुरत.
आज इंसान से इंसानों की नफ़रत क्यूँ हैं.
कल जो गुलाल लिए हाथों में फाग गा रहे थे.
आज एक दुजें के हाथ खून से लाल क्यूँ हैं. #pencil #खुद़ा #दिल #कविता