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आज फिर बसंती होने को जी चाहता है, ऐ माँ तेरी मिट्

आज फिर बसंती होने को जी चाहता है, 
ऐ माँ तेरी मिट्टी में मिलजाने को जी चाहता है, 
मैं भगत, आज़ाद, अश्फाक या बिस्मिल तो नहीं 
पर आज उनके रंग में रंग जाने को जी चाहता है।। #बसंती चोला
आज फिर बसंती होने को जी चाहता है, 
ऐ माँ तेरी मिट्टी में मिलजाने को जी चाहता है, 
मैं भगत, आज़ाद, अश्फाक या बिस्मिल तो नहीं 
पर आज उनके रंग में रंग जाने को जी चाहता है।। #बसंती चोला