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'अरे भगाओ इस बालक को, होगा यह भारी उत्पाती जुलुम म

'अरे भगाओ इस बालक को, होगा यह भारी उत्पाती
जुलुम मिटाएंगे धरती से
इसके साथी और संघाती यह उन सबका लीडर होगा नाम छपेगा अखबारों में
बड़े-बड़े मिलने आएंगे
लद-लदकर मोटर-कारों में' 

व्याख्या - कवि कहता है कि एक निम्नवर्गीय परिवार में जिस बच्चे ने जन्म लिया है वह बड़ा होकर निम्नवर्गीयो वर्गों का नेता होगा और अपने साथियों से मिलकर व्यवस्था परिवर्तन कर देगा। ये पंक्तियाँ कवि की मार्क्सवाद के प्रति आस्था को व्यक्त करती हैं। वह इस मार्क्सवादी विचार में विश्वास रखता है कि क्रांति होगी और निम्नवर्ग में क्रांति करने की शक्ति है। मात्र उसे सही नेतृत्व की जरूरत है।

©Nikhat #आधुनिक हिंदी कविता, कवि - नागार्जुन
'अरे भगाओ इस बालक को, होगा यह भारी उत्पाती
जुलुम मिटाएंगे धरती से
इसके साथी और संघाती यह उन सबका लीडर होगा नाम छपेगा अखबारों में
बड़े-बड़े मिलने आएंगे
लद-लदकर मोटर-कारों में' 

व्याख्या - कवि कहता है कि एक निम्नवर्गीय परिवार में जिस बच्चे ने जन्म लिया है वह बड़ा होकर निम्नवर्गीयो वर्गों का नेता होगा और अपने साथियों से मिलकर व्यवस्था परिवर्तन कर देगा। ये पंक्तियाँ कवि की मार्क्सवाद के प्रति आस्था को व्यक्त करती हैं। वह इस मार्क्सवादी विचार में विश्वास रखता है कि क्रांति होगी और निम्नवर्ग में क्रांति करने की शक्ति है। मात्र उसे सही नेतृत्व की जरूरत है।

©Nikhat #आधुनिक हिंदी कविता, कवि - नागार्जुन
nikhatkhan4999

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