कुत्तो की टोली छेड़ रही हैं, शेरो को गलियारों में.. मेरा भारत चीख रहा है, रोज सुबह अखबारो में.. क्यों आवाज सुनी नही जाती, दिल्ली के दरबारों में.. सोच रहा हूँ बुज़दिल लिख दूँ, संसद की दीवारो में... #बुज़दिल