हर मुलाकात पर पूछते हो ना तुम मुझसे कि मैं इतनी सुन्दर क्यों हूँ, इतनी प्यारी क्यों हूँ, मैं तुम्हें अपना श्रृंगार क्यों बुलाती हूँ? सुनो,
1) मेरे चेहरे पर गिरती ये जुल्फें जिन्हें तुम हर शायर का सावन कहते हो ना, दरअसल तुम्हारी वो सारी शरारतें हैं जिन्हें मैं शरमाकर अपने कानों के पीछे छुपा लेती हूँ।
2) मेरे माथे की ये बिंदिया तुम्हारा देखा हुआ 'हमारे कल' का वो सपना है जो अब हर वक़्त मेरे ख्यालों में अपने कल का इंतज़ार करता है।
3) मेरे कानों के झुमके वो सारी प्यार भरी बातें और फरमाईशें हैं जो तुम धीरे से सबसे छुपकर मेरे कानों में कह जाते हो। #yqbaba#hindipoetry#yqdidi#Tumpyaareho#MeethaIshqkrteho#MaiJhhaliSi#TumpeMrtiHun