कलियों की तरह नाज़ुक चमन की बहार हो तुम। सावन की घटा हो तुम फूलों का सिंगार हो तुम। जमाने की सारी वादियां यह मुस्कुराके कहतीं है। तुम्ही मुहब्बत हो मेरी सनम मेरा प्यार हो तुम। 💞💞💞💞 शादाब अहमद शादाब अहमद